राखी क्यों मनायी जाती है?

Raksha Bandhan 2019

राखी क्यों मनायी जाती है?
Raksha Bandhan 2019

राखी क्यों मनायी जाती है?

दुनिया में शायद ही ऐसी कोई दूसरी संस्कृति हो जहाँ भाई-बहिन के रिश्ते पर कोई त्यौहार मनाया जाता है । सारे त्यौहार आते-जाते है पर राखी शब्द ऐसा है जो उम्र के हर पड़ाव पर भाई और बहिन को स्नेह की डोर से जोड़े रखता है । रक्षाबन्धन का पर्व दो शब्दों से मिलकर बना होता है “रक्षा और बंधन” इस पर्व का मतलब ही यहीं है कि स्नेह की ऐसी डोर एक ऐसा बंधन जो बहिन को ताउम्र रक्षा प्रदान करे ।

रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है ?

रक्षा बंधन का त्यौहार भाई-बहिन के पवित्र रिश्ते को प्यार स्नेह और रक्षा से परिपूर्ण आधार प्रदान करता है ।  जहाँ भाई अपनी बहिन की रक्षा का वादा करता है, वहीं बहिन अपने भाई की खुशहाल जिंदगी और लम्बी उम्र की दुआ करती है । श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाले इस पर्व का ऐतिहासिक, सामाजिक, धार्मिक और राष्ट्रीय महत्व भी है । राखी अब देश की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा, धर्म की रक्षा, हितों की रक्षा के लिए भी बाँधी जाने लगी है ।

राखी क्या है?

राखी एक पवित्र धागा है । हमारे देश में राखी की इस डोर को लोहे से भी मजबूत माना जाता है, क्योंकि ये भाई और बहिन को प्यार और विश्वास की परिधि में मजबूती से बांधे रखता है इसलिए प्यार का बंधन राखी हमेशा अनमोल होता है ।

रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है- श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन यह त्यौहार मनाया जाता है । हमारे देश को अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है ।

राजस्थान में राखी को “राम-राखी लुम्बा” कहते है । इस दिन बहने शैली, चावल और राखी के पूजा की थाली तैयार करती है । देवों की पूजा कर अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है । वहीं भाई अपनी बहिन को उपहार स्वरूप रक्षा का वचन देता है ।

मध्यप्रदेश में इसे कजरी पूनम भी कहते है इस दिन किसान धरती माता की पूजा करता है और भगवान से अच्छी फसल की कामना करता है ।

महाराष्ट्र में इसे “अवनी-अवित्तम” के रूप में मनाया जाता है । इस दिन वहां के लोग समुद्र की पूजा करते है, सूर्य को अर्ध्य देते है । मान्यता है कि ऐसा करने से सभी पाप का नाश हो जाता है ।

जम्मू-कश्मीर में राखी का पर्व काईट फेस्टिवल के रूप में मनाया जाता है । इस दिन वहां खास तारे से पतंगबाजी की जाती है ।

राखी के दिन पंडित और ब्राह्मण पुरुष जनेऊ का त्याग कर नई जनेऊ पहनते है इसे ऋषि तर्पण कहते है ।

इस प्रकार रक्षा बंधन का पवित्र त्यौहार अलग-अलग कोनों में अपनी परम्पराओं के अनुसार बड़े ही स्नेहपूर्ण वातावरण में प्यार और सोहाद्र के साथ मनाया जाता है । भाई-बहिन के इस प्यार भरे पवित्र रिश्ते का सूचक ये रक्षा बंधन ही जिसका सम्मान पूरी दुनियाभर में किया जाता है ।