अगर आप में ये लक्षण है तो आप डिप्रेशन के शिकार हो सकते है

अगर आप में ये लक्षण है तो आप डिप्रेशन के शिकार हो सकते है

 

आजकल हम अक्सर समाचार पत्र, टीवी या अन्य किसी माध्यम से देखते है या पढ़ते है कि नौजवान युवा या युवती ने आत्महत्या कर ली। आये दिन हमारे आस-पास ऐसी दर्दनाक घटना घटित होती रहती है। ऐसी घटनाओं का एक ही कारण है वो है डिप्रेशन या अवसाद। आज डिप्रेशन की समस्या विश्वव्यापी हो गई है। विश्व स्वास्थ्य सगंठन के अनुसार डिप्रेशन के शिकार लोगों की संख्या तकरीबन 300  मिलियन है। इनमें 15 से 30 वर्ष की आयु समूह के लोग ज्यादा है। डिप्रेशन की समस्या पुरुषों की बजाय महिलाओं में अधिक होती है। एक अध्ययन के मुताबिक 8 लाख लोग प्रतिवर्ष आत्महत्या करके अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेते है। अगर यह सिलसिला रहा तो 2020 तक डिप्रेशन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी बीमारी बन जाएगी। इतनी बड़ी बीमारी होने के बावजूद भी हम में से अधिकतर लोग इस बीमारी के बारे नहीं जानते है, तो आइए इस लेख के माध्यम से हम डिप्रेशन का विस्तार से अध्ययन करते है।

डिप्रेशन क्या है?

डिप्रेशन का सम्बन्ध मनोरोग रोग से है। यह विशेष प्रकार से लगातार उदास रहने या किसी भी वस्तु या व्यक्ति के प्रति अलगाव हो जाता है, इस प्रकार दैनिक जीवन की चुनौतियों के प्रति भावुकता अवसाद को जन्म देती है। जब व्यक्ति का अपने प्रियजन से बिछड़ना या अपनी वांछित लक्ष्यों पर खरा नहीं उतरना, ऐसी स्थिति में स्वयं को लाचार और असहाय महसूस करने लग जाता है और उस व्यक्ति के लिए सुख, खुशी तथा सफलता सब बेमानी होने लगती है। तत्पश्चात व्यक्ति का स्वभाव उग्र होने लगता है, बात-बात पर गुस्सा करने लगता है तथा अपने ही व्यक्तियों को शंका की दृष्टि देखने लगता है।

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इस बीमारी का शिकार पुरुष की बजाय महिला ज्यादा होती है। महिला जल्दी ही वांछित दबाब का शिकार हो जाती है, इसके कारण वे अवसाद का शिकार हो जाती है।

अवसाद दिमाग में रसायन के कारण होता है। ये रसायन दिमाग और शरीर के अन्य हिस्सों के साथ सामंजस्य स्थापित करते है। इन रसायनों की कमी के कारण शरीर का संचरण तन्त्र में कमी आती है और व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण शुरू होने लगते है। डिप्रेशन के व्यक्ति को निर्णय लेने में दिक्कत, अनिंद्रा तथा चिडचिडा हो जाता है।

डिप्रेशन के प्रकार:-  डिप्रेशन के कई प्रकार है जो निम्न है-

पोस्टनेटल- इस प्रकार का डिप्रेशन महिलाओं में प्रसव के बाद होता है। इसमें महिला अपने बच्चे की केयर करना छोड़ देती है और अजीबोगरीब हरकत करने लग जाती है। 

बाइपोलर डिप्रेशन:- इस प्रकार के डिप्रेशन में व्यक्ति अत्यधिक उत्तेजित हो जाता है या उच्ची आवाज में बात करने लग जाता है और उदास रहता है। 

सीजनल डिप्रेशन:- इस प्रकार के डिप्रेशन सर्दियों में होता है।  खासतौर से यह डिप्रेशन दैनिकचर्या में बदलाव के कारण होता है।  व्यक्ति बात-बात गुस्सा हो जाता है और स्वभाव चिडचिडा हो जाता है। 

डिप्रेशन के लक्षण:- डिप्रेशन के लक्षण डिप्रेशन के प्रकार पर निर्भर करते है कि किस प्रकार का डिप्रेशन है। डिप्रेशन में व्यक्ति न केवल भावनात्मक सम्बन्ध खो देता है बल्कि कार्य क्षमता का भी पतन होता है। तो जानते है कि डिप्रेशन के क्या-क्या लक्षण होते है-

  • दिमाग में नकारात्मक सोच आती है।
  • अपने आप को असहाय समझने लगता है।
  • किसी भी काम पर ध्यान केन्द्रित नहीं होता है।
  • उदासी और थकान रहती है।
  • हताशा और चिडचिडापन रहता है।
  • छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है।
  • सर दर्द या मांसपेशियों में दर्द।
  • सोचने या निर्णय लेने की क्षमता का क्षीण होना।
  • किसी भी प्रकार की गतिविधि से दूर रहना।
  • या तो भूख नहीं लगती है या फिर असीमित मात्रा में भोजन लेना।
  • नशीले पदार्थ का अत्यधिक सेवन करना।
  • नींद नहीं आना या फिर अधिक समय तक सोना।
  • मन में तरह-तरह के विचार आना, अपने आप को दूसरों से हीन समझना और आत्मघाती कदम उठाना। 
  • आपराधिक कार्य करना।  

डिप्रेशन के कारण:- वैसे तो डिप्रेशन का कोई सामान्य कारण नहीं होता लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां है जिनमें डिप्रेशन होने की सम्भावना अधिक होती है।  जैसे:-

हार्मोन के परिवर्तन के कारण- हार्मोन के परिवर्तन के अवसाद की समस्या खासतौर से महिलाओं में होती है। थायराइड की समस्या, रजोनिवृति तथा प्रसव के बाद महिलाओं के हार्मोन में परिवर्तन के कारण डिप्रेशन की शिकार हो सकती है। 

जिन्दगी में बड़े परिवर्तन के कारण:- डिप्रेशन का शिकार होने का मुख्य कारण परिवर्तन भी हो सकता है जैसे- अपने प्रियजन को खो देना, नौकरी से निकाल देना, प्रेम-प्रसंग में असफलता तथा धन की कमी के कारण डिप्रेशन हो सकता है।

मौसम में परिवर्तन के कारण:- मौसम में परिवर्तन भी डिप्रेशन की मुख्य वजह हो सकती है। सर्दियों के मौसम में दिन छोटे होने के कारण कार्य का भार अधिक हो जाता है और समय कम रहता है जिसके कारण व्यक्ति डिप्रेशन में आ जाता है।

दिमाग में अपरिवर्तन:- कई बार व्यक्ति किसी परिस्थिति में जैसे अत्यधिक खुशी का माहौल होना या किसी प्रयोजन में असफल हो जाता है तो उसका दिमागी संतुलन खो जाता है और डिप्रेशन का शिकार हो जाता है।

डिप्रेशन का इलाज:- डिप्रेशन का लगभग सभी मामलों में इलाज सम्भव है बशर्ते समय पर इलाज शुरू हो जाये। डिप्रेशन का इलाज सामान्यत: दो प्रकार से करते है- दवाईयां और साइकोथेरेपी। अगर इन से भी इलाज नहीं होता है तो इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ईसीटी) से इलाज किया जाता है।  

इसके अलावा अन्य कारगर उपाय है जिनके द्वारा डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति का इलाज कर सकते है।

  • डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति के साथ सकारात्मक बात करनी है।
  • डिप्रेशन के मरीज को प्रेरणादायक कहानी सुनानी चाहिए।
  • मनोबल को बढ़ावा दे।
  • दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ अधिक समय बितायें

डिप्रेशन का प्रभाव:- डिप्रेशन का प्रभाव न केवल मरीज पर पड़ता है बल्कि पूरे परिवार को इसका खामियाजा उठाना पड़ता है। अगर समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो यह व्यक्ति के भावनात्मक, सामाजिक, आर्थिक और व्यवहारिक जीवन को प्रभावित करता है। डिप्रेशन के कारण कई प्रकार की कठिनाई आती है जो निम्न है-

  • मरीज का अन्य कई प्रकार के विकार हो सकते है।
  • नशीली दवाओं का आदि हो जाता है।
  • पारिवारिक संघर्ष शुरू हो जाता है।
  • परिवार में भय और आतंक का माहौल रहता है।
  • सामाजिक अलगाव।
  • आत्महत्या का प्रयास तथा अन्य को चोट पहुंचाना।  

डिप्रेशन को रोकने के उपाय:- डिप्रेशन का शिकार अक्सर महिला और नौजवान युवा होते है। युवाओं के ऊपर अतिरिक्त दबाब नहीं बनाएं। उनकों सोचनें व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी जाएं। महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा बिल्कुल ना करे और ना ही ऐसी बात करे जिनके कारण उनके स्वाभिवान को ठेस पहुंचे। इसके अलावा अन्य उपाय है जिनके द्वारा डिप्रेशन को रोका जा सकता है-

  • रोज व्यायाम करें
  • अपने आप को परिस्थिति के अनुसार ढालना सीखें
  • आपसी रिश्तों में सुधार लाकर
  • जीवनशैली में बदलाव लाकर
  • दोस्तों या अपनों से समस्याओं पर खुलकर बात करें
  • अपनी हॉबी को समय दे
  • अच्छा और पौष्टिक खाना खायें
  • पर्याप्त नींद ले और सुबह जल्दी उठें

यदि आपका कोई परिचित डिप्रेशन का शिकार है और वह अपनी जिन्दगी के बारे ने नकारात्मक भाव रखता है तो उसे प्रोत्साहित करें कि किसी भी कार्य की विफलता जिन्दगी का अंतिम पड़ाव नहीं होती, है। सबसे बड़ी सफलता विफलता के बाद ही मिलती है। इस प्रकार आप एक डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को सकारात्मक उर्जा देकर उसके जीवन को नई उच्चाई दे सकते हो।