अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस
अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति किसी न किसी प्रकार से तनावग्रस्त है I जिन्दगी की उलझनों और समस्याओं को कई लोग, जो मानसिक रूप से सशक्त होते है वो तो इन परिस्थितियों का आसानी से मुकाबला कर लेते है I कुछ लोग जो मानसिक रूप से कमजोर होते है , ये सब सहन नही कर पाते है और इन समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए गलत रास्ते का चयन कर लेते है जैसे मादक पदार्थों का सेवन I शुरूआती दिनों में इनको आनंद की अनुभूति होती है और सब कुछ ठीक चलता रहता है लेकिन धीरे-धीरे व्यक्ति नशीली चीजों का आदी बन जाता है तथा वह नशे को चाह कर भी छोड़ नही पाता है और पूरी तरह से नशे की गिरफ्त में आ जाता है I
लेकिन बीते कुछ वर्षो में यह स्थिति अत्यन्त गंभीर और चिंतनीय हो गई है क्योंकि हमारी युवा पीढ़ी अपनी शान और शौकत के लिए मादक पदार्थ का सेवन करने लगी है I सब कुछ जानते हुए भी युवा पीढ़ी अपने आप को ऐसी जगह धकेल रही है जहाँ से निकलना बेहद मुश्किल हो जायेगा I आज देश और दुनिया के युवा जिस तरह से नशे की गिरफ्त में आ रहे है । इससे न सिर्फ उनका करियर और जीवन बर्बाद हो रहा है बल्कि सामाजिक और आर्थिक नुकसान भी हो रहा है ।
नशे की लत से युवा को बचाने एवं बेहतर कल के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र संगठन ने 7 दिसम्बर 1987 को प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking, 26 June) मनाने का ऐलान किया।
आखिर ऐसे कौनसे कारण है जिनकी वजह से युवा नशे को अपनाते है:- युवाओं के द्वारा नशे को अपनाने की कोई एक प्रमुख वजह नही है इसके लिए अनेक कारण जिम्मेदार है ।
- पारिवारिक पृष्ठभूमि :- युवाओं के द्वारा नशे को अपनाने का प्रमुख कारण पृष्ठभूमि भी है, परिवार में पिता या अन्य बड़े बुजर्ग द्वारा नशीले पदार्थ का सेवन किया जाता है तो बच्चा उनको देखकर नशे की ओर प्रेरित हो जाता है ।
- रोल मॉडल:- कई युवा द्वारा अपने रोल मॉडल जैसे फिल्मी सितारा या अन्य कोई प्रसिद्ध व्यक्ति द्वारा नशा किया जाता है तो उनको अपना रूल मॉडल मानकरउनकी तरह ही नशा शुरू कर देता है ।
- आसपास का वातावरण:- जिस जगह युवा रहता है वहा ड्रग्स या नशीले पदार्थ आसानी से उपलब्ध हो जाता है, जिसके कारण उन्हें खरीदने में कोई परेशानी नही होती है और वह शौक से सेवन शुरू कर देता है ।
- दोस्तों की संगत:- कुछ युवा ऐसे दोस्तों की संगत में आ जाते है जो स्मोकिंग या ड्रिंकिंग करते है और वे उनकी नकारात्मक सोच से प्रभावित होकर नशा शुरू कर देते है।
- तनाव की स्थिति में:- कुछ युवा कार्य की अधिकता, भागदौड़ भरी जिन्दगी या अन्य किसी कारण से तनाव में रहने लगते है और तनाव को दूर करने के लिए नशीली चीजों का सेवन शुरू कर देता है ।
भारत ने स्थिति:- भारत युवाओं का देश है, अनुमान के अनुसार युवाओं के दम पर 2020 तक भारत दुनिया की महाशक्ति बन सकता है लेकिन जिस युवा पीढ़ी के बल पर भारत विकास के पथ पर दौड़ने का दंभ भर रहा है दुर्भाग्यवश वही युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आ रही है । नशे की लत एक गम्भीर समस्या बन चुकी है । केंद्र सरकार के सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 7.13 करोड़ लोगों को नशे की लत लगी हुई है । सरकार द्वारा कराये गये सर्वे में पुरुषों के साथ बच्चों और महिलाओं की भी गंभीर स्थिति है और उन्हें तुरंत इलाज की जरूरत है । सर्वे में मुताबिक सबसे ज्यादा 5.17 करोड़ लोग शराब, 72 लाख लोग भांग, 60 लाख लोग अफीम व चरस आदि और 11 लाख लोग नशीली गोलियों या इंजेक्शन से होने वाले नशे की लत का शिकार है । सर्वे में 70,293 लोग ऐसे भी हैं, जो नशे के लिए खतरानाक किस्म के ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। लगभग 4.6 लाख बच्चे और 18 लाख वयस्क सर्दी-जुकाम में दवा के तौर पर इस्तेमाल होने वाले इनहेलर (Inhalants) और नशीली दवाईयों सेवन कर रहे हैं।
नशीली दवाओं के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस और अवैध तस्करी दिवस 2019 की थीम:- स्वास्थ्य के लिए न्याय- इसके माध्यम से इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि स्वास्थ्य और न्याय एक ही सिक्के के दो पहलू है । विश्व ड्रग समस्याओं के प्रभावी निष्पादन के लिए आपराधिक न्याय,स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं के लिए जबाबदेही संस्थानों की जरूरत है जो अंतर्राष्ट्रीय ड्रग कंट्रोल सम्मेलन, मानवाधिकार के दायित्वों और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप समाधान प्रदान करने के लिए काम करते हैं।
उद्देश्य:- संयुक्त राष्ट्र संगठन का उद्देश्य अंतराष्ट्रीय स्तर नशीले पदार्थों से मुक्ति पाना और समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता लाना है । अवैध मादक पदार्थों की चुनोतियों से निपटना, युवाओं की रक्षा करना तथा मानव कल्याण को बढ़ावा देना है ।
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