हीटवेव (लू) क्या है?
हीटवेव को प्रभावित करने वाले कारको में प्राकृतिक कारकों के साथ मानवीय कारक भी जिम्मेदार है, हम विकास की इस अंधाधुंध दौड़ में प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे है I

लगातार कई दिनों तक गर्म मौसम बरकरार रहने से हीटवेव बनता है। हीटवेव असल में एक स्थान के वर्तमान तापमान और उसके सामान्य तापमान के बीच के अत्यधिक अन्तर से बनता है। आईएमडी के मुताबिक, यदि एक स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम-से-कम 40 डिग्री सेल्सियस तक और पहाड़ी क्षेत्रों में कम-से-कम 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है तो हीटवेव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
हीटवेव किस कारण से बनता हैं?
हीटवेव को मोटे तौर पर एक जलवायु सम्बन्धी घटना के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन इसमें आस-पास के पर्यावरणीय कारक भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उच्च वायुमण्डलीय दबाव प्रणाली वायुमण्डल के ऊपरी स्तर पर रहने वाली हवा को नीचे लाकर घुमाती है। इससे हवा में संकुचन के कारण तापमान बढ़ता है और हवा एक स्थान पे अटकी रहती है । इससे हीटवेव कई दिनों तक बना रहता है।
भारत में गर्मी के महीनों में हीटवेव एक आम बात है। मई महीने के आखिर में देश के ज्यादातर क्षेत्र हीटवेव का सामना करते हैं। खासतौर पर उत्तरी, उत्तर-पश्चिमी और मध्य भारत में गर्मियों के दौरान लगभग 8 से 10 दिन तक हीटवेव का प्रभाव रहता है या फिर मानसून के आरम्भ तक रहता है I
हीटवेव के कारक कौनसे है ?
हीटवेव को प्रभावित करने वाले कारको में प्राकृतिक कारकों के साथ मानवीय कारक भी जिम्मेदार है, हम विकास की इस अंधाधुंध दौड़ में प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे है I अधिकाधिक पेड़ो को काटा जा रहा है I जिस तरह से ग्लोबलवार्मिंग का खतरा बढ़ रहा है इससे ऐसा आभास हो रहा है हम एक बार फिर नये जियोलॉजिकल इपोक एंथ्रोपोसिन में प्रवेश कर रहे है I इसके अलावा प्राकृतिक कारणों से भी हीटवेव उत्पन्न होता है जैसे वायु, दबाव, ऊँचाई, सतह के परावर्तन, आर्द्रता आदि की भूमिका होती है। इसी कारण उच्च सापेक्षिक आर्द्रता वाले क्षेत्रों में गर्मी से ज्यादा लोग मरते हैं।
मानव जीवन पर क्या असर होता है ?
जिस तरह से लगातार तापमान 45 डिग्री से ऊपर बना हुआ है, इसका मानव स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है I इस प्रकार प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली मौतों का तीसरा बड़ा कारण हीटवेव ही है। अत्यधिक तेज धूप (लू) से शरीर में पानी की कमी होने लगती है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है और अत्यधिक निर्जलीकरण से व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है I
हीटवेव से बचने के उपाय :-
इस तेज गर्मी और हीटवेव के मौसम में थोड़ी सी भी असावधानी जीवन के लिए घातक हो सकती है इसलिए लू से बचने के लिए सतर्कता की जरूरत है I हीटवेव से बचने के लिए आप निम्न उपाय अपना सकते हो:-
- घर से निकलने से पहले भरपेट पानी पी लें।
- खाली पेट बिना खाना खाए घर से बाहर न निकलें।
- सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें।
- धूप में निकलते समय सूती कपड़े से अपना सिर ढ़कें। या फिर आप छाता, टोपी, तौलिया आदि का इस्तेमाल कर सकते हो, जहाँ तक सम्भव हो सके तो सूती और खादी कपड़ो का ही इस्तेमाल करें I
- छांछ, लस्सी, नीबू पानी आदि का नियमित सेवन करें।
- ओआरएस का घोल पीते रहे I
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